तुम फूल, मैं फूलदान हूँ,
तुम राशन, मैं उसकी दुकान हूँ,
तुम आत्मा, मैं इंसान हूँ,
तुम गदा, मैं हनुमान हूँ।
मेरी हर नज़र में तुम हो,
मेरी हर खबर में तुम हो,
हम मर भी गए तो हँसते-हँसते दफन हो जायेंगे,
बस इतना बता देना की उस कबर में तुम हो ।
बरसते हुए बादल में तुम हो,
नाच रहे हर पागल में तुम हो,
काले इस काजल में तुम हो,
खा रहा उस चावल में तुम हो।
मेरी हर एक आदत में तुम हो,
मुझ में बसी शराफत में तुम हो,
आने वाली कयामत में तुम हो,
खुदा कि इबादत में तुम हो।
मेरे हर एक एहसास में तुम हो,
ले रहा हूँ उस सास में तुम हो,
मेरी हर धडकन में तुम हो,
मेरे दिल, मेरे मन में तुम हो,
इस आँगन में बसी तुम हो,
बरस रहे इस सावन में तुम हो,
इस कायनात के हर कण में.......
तुम हो, तुम हो, बस तुम हो.......
copyright by Ankit choudhary