जो हो किसी से प्यार,
तो कैसे करें इज़्हार,
जब जानते हैं हम,
कि जवाब है इंकार,
नसीब में हमारे,
लिखा है इंतज़ार,
नहीं उनको हम पर है,
इतना भी ऐतबार,
और हो भी गया कभी तो,
नहीं करेंगे वोह इज़हार,
क्या इसी को, क्या इसी को,
कहते हैं प्यार....
कहते हैं प्यार....
Nice, simple and effective. You have a knack for rhyme. :D
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ReplyDeleteगोया उम्र ही है यह रूमानी