Saturday, October 24, 2009

कुछ शायरी..!!! आप्के लिये..!!

चाहत पर किसी की ऐतबार ना करना,
किसी की याद में दिल बेकरार ना करना,
दिल टूट के सीने में दुखता है बहुत,
सपनों में रहकर कभी प्यार ना करना ॥

चोट खा के ज़िन्दगी में पछता रहे हैं,
खो के रास्ते में चले जा रहे हैं,
स्पने पे ऐतबार किया जो अपना बन ना सका ,
वो धुन गुनगुना रहे हैं, जो गीत बन ना सका॥

इंतज़ार, ऐतबार, तकरार, बरकरार है,
मेरे अन किये इज़हार पर लाखों इंतज़ार है,
प्यार को बता के दोस्ती हम रुस्वाइयाँ बचाते हैं,
और एक परवाने की तरह समा में जल जाते हैं॥

गहराइयों को किनारे कहाँ मिलते हैं,
जमीन को सितारे कहाँ मिलते हैं,
टूट जाते हैं जो दिल किसी की तस्वीर से,
उस दिल को सहारे कहाँ मिलते हैं॥

3 comments:

  1. शायरी लिखते रहें और अच्छी लिख सकते है ।
    शुभकामनाएं ।

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  2. U really put across ur feelings nicely... Simple bt sensible...

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  3. U really put across ur feelings nicely... Simple bt sensible...

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