Saturday, October 24, 2009

"Life is about achieving, its not about Achievements.."

"Achievement might not give happiness, but being happy is the biggest achievement of life.."

कुछ पा लेना ज़िन्दगी नहीं, कुछ पाने की चाहत और उस पर लगने वाली मेहनत का नाम ज़िन्दगी है। पा लेने का बाद कभी कभी सोचना पडता है की आगे क्या करें, अकसर मकसद खो जाता है, इसलिए सफर के मजे लो, और जब ज़िन्दगी खत्म हो, तब एक बार पीछे मुड के देखना, बहुत सारी मंजिलें साथ दिखेंगी। कुछ ऐसे पल जिन्हें तुम फिर से जीना चाहो, कुछ पल जिनके लिए तुम एक बार और मरना चाहो। अपनी ज़िन्दगी को हँसी खुशी के साथ जीने और हर हमराही के साथ वक्त बिताते हुए चलना ही सही मायने में जिन्दगी है, ज़िन्दगी की मंजिल है। उसे पाओ......

कुछ शायरी..!!! आप्के लिये..!!

चाहत पर किसी की ऐतबार ना करना,
किसी की याद में दिल बेकरार ना करना,
दिल टूट के सीने में दुखता है बहुत,
सपनों में रहकर कभी प्यार ना करना ॥

चोट खा के ज़िन्दगी में पछता रहे हैं,
खो के रास्ते में चले जा रहे हैं,
स्पने पे ऐतबार किया जो अपना बन ना सका ,
वो धुन गुनगुना रहे हैं, जो गीत बन ना सका॥

इंतज़ार, ऐतबार, तकरार, बरकरार है,
मेरे अन किये इज़हार पर लाखों इंतज़ार है,
प्यार को बता के दोस्ती हम रुस्वाइयाँ बचाते हैं,
और एक परवाने की तरह समा में जल जाते हैं॥

गहराइयों को किनारे कहाँ मिलते हैं,
जमीन को सितारे कहाँ मिलते हैं,
टूट जाते हैं जो दिल किसी की तस्वीर से,
उस दिल को सहारे कहाँ मिलते हैं॥

Thursday, August 27, 2009

तुम और मैं..!!

तुम फूल, मैं फूलदान हूँ,

तुम राशन, मैं उसकी दुकान हूँ,

तुम आत्मा, मैं इंसान हूँ,

तुम गदा, मैं हनुमान हूँ।

मेरी हर नज़र में तुम हो,

मेरी हर खबर में तुम हो,

हम मर भी गए तो हँसते-हँसते दफन हो जायेंगे,

बस इतना बता देना की उस कबर में तुम हो ।

बरसते हुए बादल में तुम हो,

नाच रहे हर पागल में तुम हो,

काले इस काजल में तुम हो,

खा रहा उस चावल में तुम हो।

मेरी हर एक आदत में तुम हो,

मुझ में बसी शराफत में तुम हो,

आने वाली कयामत में तुम हो,

खुदा कि इबादत में तुम हो।

मेरे हर एक एहसास में तुम हो,

ले रहा हूँ उस सास में तुम हो,

मेरी हर धडकन में तुम हो,

मेरे दिल, मेरे मन में तुम हो,

इस आँगन में बसी तुम हो,

बरस रहे इस सावन में तुम हो,

इस कायनात के हर कण में.......

तुम हो, तुम हो, बस तुम हो.......








copyright by Ankit choudhary


Wednesday, August 26, 2009

जो हो किसी से प्यार..!!

जो हो किसी से प्यार,

तो कैसे करें इज़्हार,

जब जानते हैं हम,

कि जवाब है इंकार,

नसीब में हमारे,

लिखा है इंतज़ार,

नहीं उनको हम पर है,

इतना भी ऐतबार,

और हो भी गया कभी तो,

नहीं करेंगे वोह इज़हार,

क्या इसी को, क्या इसी को,

कहते हैं प्यार....

कहते हैं प्यार....

Shaajish thi yeh uske dil ki,

yaa kudrat ki karamaat thi...

Bandish thi yeh uski aankhon ki,

yaa rok rahi kaaynaat thi...

Palken utha ke dekh le toh,

baarish si ho jaati hai...

Un bheegi palkon ke saaye mein,

phir saari duniya so jaati hai...

Gaalon ki laali ke aage,

gulaab bhi sharmata hai...

Dekhne ko teri muskurahat,

suraj kshitij par aata hai...

Hawa tere chalne se chalti,

teri zulfon se shyaam hoti hai...

Teri baaton se duniya yeh meri,

ek shaamiyaane si lagti hai...
Ter
a roop, rang, saundarya, shringaar,

har nazar par kahar dahata hai...

Tujhe na dekhne ka har ek pal,

ek kathin saja ban jaata hai...

Roop tera sundar hai itna toh,

mann ki nirmalta jaahir hai...

Thoda kuch jo paas mere hai,

sab kuch tere khatir hai.........

sab kuch tere khatir hai.....














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